कवर्धा। जिले में सामान्य वर्ग के दो शिक्षकों द्वारा फर्जी अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र बनाकर सरकारी नौकरी हासिल करने का मामला सामने आने के बाद आदिवासी समाज में रोष व्याप्त है। इस अन्याय के विरोध में गुरुवार को आदिवासी समाज के प्रतिनिधि और सामाजिक पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने दोषी शिक्षकों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन में आदिवासी समाज ने आरोप लगाया कि दोनों शिक्षकों ने झूठे जाति प्रमाणपत्र तैयार कर न केवल सरकारी नौकरी पाई, बल्कि वास्तविक अनुसूचित जनजाति वर्ग के योग्य उम्मीदवारों का हक भी छीन लिया। उनका कहना है कि यह घटना आदिवासी समाज के अधिकार और सम्मान पर सीधा प्रहार है, और ऐसे मामलों में प्रशासन को तुरंत और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रशासन की ओर से ज्ञापन स्वीकार करते हुए अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।
आदिवासी समाज ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

