रायपुर। सुकमा जिले में एएसपी आकाश राव गिरेपुंजे की शहादत के मामले में SIA (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने कोंटा से 7 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में इन संदेहियों के पास आंध्र प्रदेश के सिमकार्ड लगे मोबाइल फोन बरामद हुए हैं, जो नक्सलियों को पुलिस मूवमेंट की जानकारी देने में इस्तेमाल किए जा रहे थे।
पूछताछ से अहम सुराग मिलने की संभावना
एसआईए सूत्रों के अनुसार, संदेहियों से एक गोपनीय स्थान में पूछताछ की जा रही है। जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि इन व्यक्तियों ने पुलिस की गतिविधियों की सूचना माओवादियों तक पहुंचाई थी। एजेंसी का मुख्य फोकस अब इस घटना के मास्टरमाइंड तक पहुंचने पर है।
9 जून की घटना का संदर्भ
बता दें कि यह मामला 9 जून 2025 को उस वक्त सामने आया जब कोंटा-गोलापल्ली मार्ग पर तलाशी अभियान पर निकली पुलिस टीम नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी विस्फोट की चपेट में आ गई थी। इस विस्फोट में एडिशनल एसपी आकाश राव गिरेपुंजे मौके पर ही शहीद हो गए थे।
वहीं, एसडीओपी कोंटा भानु प्रताप चंद्राकर और टीआई सोनल ग्वाला गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनका इलाज अब भी जारी है।
क्या कहती है जांच टीम?
एसआईए की टीम फिलहाल हर उस कड़ी को जोड़ने में लगी है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि आखिरकार पुलिस मूवमेंट की जानकारी माओवादियों तक कैसे पहुंची। फोन कॉल्स, टेक्स्ट्स और लोकेशन डेटा की बारीकी से जांच की जा रही है।