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उम्र नहीं, हौसला मायने रखता है: 67 साल की कमला देवी ने दुबई में रचा इतिहास, जीते तीन गोल्ड मेडल

मनेंद्रगढ़। “उम्र सिर्फ एक संख्या है”—इस कहावत को हकीकत में बदल कर दिखाया है छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ की 67 वर्षीय कमला देवी मंगतानी ने। उम्र के उस पड़ाव पर जब लोग आराम की जिंदगी चुनते हैं, कमला देवी ने दुबई में आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह में तीन गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीतकर न केवल भारत, बल्कि अपने जिले एमसीबी (मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) का नाम भी रोशन किया है।

डायबिटीज से जूझते हुए रची इतिहास

कमला देवी पिछले 30 वर्षों से डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं। एक समय ऐसा भी आया जब डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था और चलने-फिरने में असमर्थता के कारण उन्हें बैसाखी का सहारा लेना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय आत्मबल और अनुशासन का सहारा लिया। बैसाखी छोड़कर अपने पैरों पर खड़ा होना शुरू किया, और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

जिम से बना नया जीवन

बीते पांच वर्षों से वे नियमित जिम जाती हैं, और वेटलिफ्टिंग जैसे कठिन अभ्यास में खुद को इतना सक्षम बना लिया कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताएं जीतनी शुरू कर दीं। उनकी मेहनत रंग लाई और धीरे-धीरे वे अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गईं।

अब तक जीत चुकी हैं 100+ गोल्ड मेडल

कमला देवी अब तक 100 से अधिक गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी हैं, जिनमें राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं शामिल हैं।

दुबई में रचा नया इतिहास

22 से 28 अप्रैल 2025 के बीच दुबई में आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह में कमला देवी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। संयुक्त भारतीय खेल फाउंडेशन द्वारा दुबई स्पोर्ट्स काउंसिल के सानिध्य में आयोजित इस प्रतियोगिता में दुनिया भर के खिलाड़ी शामिल हुए। कमला देवी ने तीन गोल्ड और एक सिल्वर जीतकर भारत की शान बढ़ा दी।

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