रायपुर : छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् आलोक शुक्ला को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में प्रतिष्ठित ‘गोल्ड मैन एनवायरन्मेंटल पुरस्कार 2024’ (ग्रीन नोबेल पुरस्कार) से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन में उनके अथक प्रयासों और योगदान के लिए दिया गया है।
पुरस्कार का महत्व:
- ‘ग्रीन नोबेल’ के नाम से जाना जाने वाला यह पुरस्कार दुनिया भर के छह महाद्वीपीय क्षेत्रों से जमीनी स्तर के पर्यावरण नायकों को दिया जाता है।
- यह पुरस्कार पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और प्रेरणादायक नेतृत्व के लिए दिया जाता है।
- आलोक शुक्ला इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले भारत के पहले व्यक्ति हैं।
आलोक शुक्ला ने अपने भाषण में भारत की प्रकृति बचाने और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने की समृद्ध विरासत का उल्लेख किया। उन्होंने बिरसा मुंडा, जयपाल सिंह मुंडा, तिलका मांझी, टांट्या भील, गुंडाधूर और वीर नारायण सिंह जैसे आदिवासी नायकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और बाबा साहेब अंबेडकर के योगदान को भी याद किया।

उन्होंने हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन में आदिवासी समुदाय, विशेष रूप से महिलाओं की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष ने दुनिया भर में लोगों को प्रेरित किया है।

आलोक शुक्ला ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें विकास की अपनी परिभाषाओं को बदलना होगा और विकास के नए मॉडल बनाने होंगे।
आलोक शुक्ला को ‘गोल्ड मैन एनवायरन्मेंटल अवॉर्ड 2024’ से सम्मानित किया जाना भारत और दुनिया भर के पर्यावरण कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रेरणा है। उनका काम हमें प्रकृति की रक्षा करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रेरित करता है।