पेंड्रा: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी रविवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापित करने पहुंचे, लेकिन प्रशासन की अनुमति न होने के कारण मामला विवादास्पद हो गया। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने अमित जोगी समेत 1173 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया और सभी को पेंड्रा के लाल बंगला स्थित अस्थायी जेल में रखा गया।
प्रशासन का पक्ष: अनुमति नहीं थी
प्रशासन का कहना है कि प्रतिमा स्थापना के लिए कोई वैधानिक अनुमति नहीं ली गई थी। एसडीओपी दीपक मिश्रा ने बताया कि सभी को पीएनएस एक्ट की धारा 172 के तहत गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में सभी को मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
अमित जोगी का पलटवार: “जमीन मेरी, मूर्ति मेरे पिता की”
गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बात करते हुए अमित जोगी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “जमीन मेरी है, मूर्ति मेरे पिता अजीत जोगी की है और हम जनभावना के अनुसार उसे स्थापित करने पहुंचे थे। शासन ने मूर्ति को जब्त कर रखा है, जिसे हम सम्मानपूर्वक स्थापित करना चाहते हैं।”
RSS पर सीधा हमला: “राक्षस समाज भक्षक संघ”
अमित जोगी ने आरोप लगाया कि इस पूरे विवाद के पीछे जिले के आरएसएस प्रमुख का बेटा मास्टरमाइंड है और वह CCTV फुटेज में भी नजर आया है। उन्होंने आक्रामक लहजे में कहा, “RSS अब राष्ट्रीय नहीं, राक्षस समाज भक्षक संघ बन गई है।”
हाईकोर्ट जाने की चेतावनी
अमित जोगी ने यह भी कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वे इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही वे नागपुर स्थित डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर स्मारक जाकर आशीर्वाद लेंगे और अजीत जोगी की प्रतिमा को सम्मान दिलाने की कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।