जगदलपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बस्तर दशहरा के कार्यक्रम में शामिल होने रविवार को जगदलपुर पहुंचे। उन्होंने मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद मुरिया दरबार में आदिवासी नेता, मांझी, चालकी और गायता से सीधे संवाद किया।
इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा योजना का शुभारंभ किया, जिससे बस्तर के 250 गांव मुख्य शहर से जुड़ सकेंगे। मंच से उन्होंने माओवादियों को चेतावनी दी और कहा कि समाज की मुख्य धारा से जुड़ना ही एकमात्र विकल्प है।
दरबार और परंपरा
मुरिया दरबार की परंपरा 145 वर्षों से चली आ रही है। 1876 में झाड़ा सिरहा के नेतृत्व में मुरिया जनजाति ने अंग्रेजों के शासन और अधिकारों पर अंकुश के खिलाफ विद्रोह किया था। तभी से दशहरे के अवसर पर आदिवासी नेताओं के साथ दरबार की परंपरा जारी है। इस साल शाह पहली बार केंद्रीय गृहमंत्री के रूप में इस पारंपरिक दरबार में सीधे आदिवासी प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे।
सुरक्षा और प्रशासन
शाह के दौरे के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और उन्होंने मंच से बस्तर में चल रहे माओवाद उन्मूलन अभियान तथा पुनर्वास योजनाओं की जानकारी दी।
अमित शाह का बस्तर दौरा
अमित शाह बीते 22 महीनों में छठी बार बस्तर आए हैं। उन्होंने लगातार माओवादियों को समर्पण का संदेश दिया है और आदिवासी संस्कृति व परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के संकल्प को आगे बढ़ाया है। इससे पहले वे 5 अप्रैल 2025 को दंतेवाड़ा में ‘बस्तर पंडुम’ में शामिल हुए थे और आदिवासी अस्मिता को प्रमोट करने का संकल्प लिया था।
इस दौरे के माध्यम से सरकार का उद्देश्य बस्तर को माओवाद मुक्त बनाना, स्थानीय संस्कृति को संरक्षण देना और ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ना बताया गया है।