रायपुर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ की कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर चले ऐतिहासिक ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले सुरक्षाबलों के जवानों से शुक्रवार को नई दिल्ली में भेंट की और उन्हें सम्मानित किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी विशेष रूप से मौजूद थे।
शाह ने इस अभियान में जवानों के शौर्यपूर्ण प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान के इतिहास में यह ऑपरेशन एक “स्वर्णिम अध्याय” के रूप में दर्ज होगा। उन्होंने सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी और कोबरा बटालियन के जवानों के पराक्रम को सलाम किया।
मोदी सरकार का संकल्प दोहराया
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मोदी सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी, जब तक सभी नक्सली या तो आत्मसमर्पण नहीं कर देते, पकड़े नहीं जाते या समाप्त नहीं हो जाते। हमारा संकल्प है कि हम 31 मार्च, 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त कर देंगे।”
अभियान की चुनौतियों और सफलता पर प्रकाश डाला
शाह ने उस चुनौतीपूर्ण दौर को याद किया जब जवानों ने भीषण गर्मी, ऊंचाई और हर कदम पर आईईडी जैसे जानलेवा खतरों के बावजूद अदम्य साहस दिखाया। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के एक प्रमुख बेस कैंप, उनके मैटीरियल डंप और सप्लाई चेन को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया, जिससे नक्सलवाद की रीढ़ टूट गई है।
नक्सलवाद के प्रभावित क्षेत्रों में बदलाव की बात
गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलियों ने देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों का विकास रोक दिया था, स्कूल और अस्पताल बंद करवा दिए थे और सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचने नहीं दिया था। उन्होंने दावा किया कि नक्सलविरोधी अभियानों के सफल परिणामस्वरूप पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक के इलाकों में साढ़े छह करोड़ लोगों के जीवन में “नया सूर्योदय” हुआ है।
शाह ने यह भी कहा कि अभियानों में घायल हुए जवानों के पुनर्वास और उनके जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए मोदी सरकार हर संभव मदद दे रही है। इस समारोह के जरिए केंद्र और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की नक्सलवाद के खिलाफ एकजुटता और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन हुआ।