रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के पगुराबहार गांव में आयोजित 9वें सशस्त्र सेना वयोवृद्ध दिवस पर वीर जवानों के साहस और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक और राष्ट्रपति द्वारा सेना मेडल से सम्मानित 81 वर्षीय भागलपुर निवासी अरुण कुमार का विशेष रूप से सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने अरुण कुमार को शाल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र भेंटकर उनके अदम्य साहस की सराहना की। अरुण कुमार ने अपने युद्ध के अनुभवों को साझा करते हुए देशसेवा के गौरवशाली क्षणों को याद किया।
शहीद परिवारों को मिला सम्मान
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में तीन शहीद सेनानियों के परिवारों को भी सम्मानित किया। इनमें शामिल थे:
- शहीद सिपाही शिमोन केरकेट्टा – जिन्होंने 1966 में मिजोरम में प्राणों की आहुति दी। उनकी पत्नी तेरेसा केरकेट्टा को मुख्यमंत्री ने व्हीलचेयर प्रदान की।
- शहीद राजेश बारा – जिन्होंने 2002 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान दी।
- शहीद अशोक राम भगत – जिन्होंने 2020 में सिक्किम के ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान शहादत दी।
मुख्यमंत्री ने शहीद परिवारों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इन वीर सपूतों का बलिदान प्रेरणा का स्रोत है और उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता।
फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा के योगदान को किया याद
मुख्यमंत्री ने भारतीय सशस्त्र सेनाओं के पहले कमांडर इन चीफ फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा के योगदान को याद करते हुए कहा कि सशस्त्र सेना वयोवृद्ध दिवस हमारे जवानों और उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का दिन है। यह दिन शांति और स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्ष और बलिदान को याद करता है।
कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर विधायक गोमती साय, जिला भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति के अधिकारी, और सदस्यगण मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने जवानों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उनका साहस और बलिदान देशवासियों के लिए गर्व की बात है।