बिलासपुर : स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल, खपरगंज में 11वीं कक्षा के 30 छात्रों के फेल होने का मामला तूल पकड़ रहा है। इन छात्रों ने आरोप लगाया है कि हस्तलिखित प्रश्नपत्र का विरोध करना उन्हें महंगा पड़ गया, क्योंकि स्कूल प्रबंधन ने अच्छा पेपर लिखने के बाद भी उन्हें फेल कर दिया।
छात्रों ने कलेक्टर से की शिकायत
इस पूरे प्रकरण से नाराज छात्रों ने बिलासपुर कलेक्टर से शिकायत दर्ज कराई है। एनएसयूआई के नेतृत्व में छात्रों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर फेल होने की जांच और उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग की है।
हस्तलिखित प्रश्नपत्र का विरोध
छात्रों का आरोप है कि करोड़ों रुपये के फंड आवंटन के बावजूद, स्कूल प्रबंधन ने वार्षिक परीक्षा में हस्तलिखित प्रश्नपत्र वितरित किए। इस हस्तलिखित प्रश्नपत्र का विरोध करने वाले 11वीं कक्षा के 47 छात्रों में से 30 को फेल कर दिया गया।
एनएसयूआई की मांग
एनएसयूआई ने छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, शिक्षकों की एक विशेष टीम द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि इतने अधिक छात्रों का एक साथ फेल होना असंभव है, और इस मामले की निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
जिला शिक्षा अधिकारी पर लापरवाही का आरोप
इस पूरे मामले में छात्रों ने जिला शिक्षा अधिकारी और नोडल अधिकारी पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अधिकारियों के ध्यान नहीं देने से छात्रों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं।