Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा का पर्व हर साल आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह तिथि धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भगवान श्री हरि नारायण की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और उसकी किरणों से अमृत की वर्षा होती है। इस अवसर पर खीर बनाने और उसे रातभर चंद्रमा की चांदनी में रखने की परंपरा है, जिसे बेहद शुभ माना जाता है।
इस वर्ष शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर 2024, बुधवार को मनाई जा रही है। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है, लेकिन कुछ वस्तुएं ऐसी हैं जिन्हें दान नहीं करना चाहिए, अन्यथा अशुभ परिणाम हो सकते हैं।
इन चीजों का दान करने से बचें
शरद पूर्णिमा पर लोहे का दान करना अशुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लोहे का दान करने से शनिदोष बढ़ सकता है और व्यक्ति को असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस दिन दही का दान भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे शुक्रदोष उत्पन्न हो सकता है, जिससे जीवन में अशांति और परेशानियां बढ़ सकती हैं। नमक का दान भी वर्जित है, क्योंकि इससे जीवन में नकारात्मकता बढ़ने की आशंका रहती है।
इन चीजों का दान करें
शरद पूर्णिमा के दिन चावल, गुड़ और खीर का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इन वस्तुओं का दान करने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। “Khabar Mitan” इसकी पुष्टि नहीं करता है।