Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 23 जनवरी, 2024 को होने जा रही है। इस समारोह के लिए पूरे देश से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 15 जनवरी से ही तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया जा रहा है।
प्राण प्रतिष्ठा के दिन, मंदिर में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा के बाद, अयोध्या राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। यह मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल होगा।
अयोध्या राम मंदिर विवाद की शुरुआत 15वीं शताब्दी में हुई, जब मुगल सम्राट बाबर ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया। हिंदू समुदाय का मानना है कि इस स्थान पर भगवान राम का जन्म हुआ था और यह मस्जिद उनके मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। मुस्लिम समुदाय का मानना है कि यह मस्जिद एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है और इसे नहीं हटाया जाना चाहिए।
यह विवाद 19वीं शताब्दी में फिर से उभरा, जब अंग्रेजों ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच समझौते की कोशिश की। लेकिन, कोई समझौता नहीं हो सका और विवाद बढ़ता गया।
22 दिसंबर 1949 की रात को, अयोध्या में बाबरी मस्जिद के अंदर हिंदू मूर्तियों को स्थापित कर दिया गया। इस घटना से सांप्रदायिक दंगे भड़क गए और कई लोग मारे गए।
1989 में, भारतीय जनता पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने का वादा किया। इसके बाद, इस मुद्दे पर हिंदू समुदाय में धार्मिक उत्साह बढ़ गया।
6 दिसंबर 1992 को, भाजपा के समर्थकों ने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया। इस घटना से पूरे देश में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए और कई लोग मारे गए। इस घटना के बाद, अयोध्या राम मंदिर विवाद एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया। इस मुद्दे पर कई अदालतों में कई मामले दायर किए गए।
2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस फैसले में कोर्ट ने कहा कि बाबरी मस्जिद का निर्माण अवैध था और इस स्थान पर भगवान राम का मंदिर बनाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो गया।
प्राण प्रतिष्ठा के दिन, अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं।