Ayodhya Ram Mandir : मूर्तिकार अरुण योगीराज ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर (Ram Mandir) गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की मूर्ति के भावों में बदलाव आया। उनकी आंखें जीवंत हो गई और होठों पर बाल सुलभ मुस्कान आ गई। योगीराज का यह भी कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति में देवत्व का भाव आ गया है।
यह दावा निश्चित रूप से लोगों के बीच जिज्ञासा और आश्चर्य का विषय बन गया है। कुछ लोग इसे चमत्कार मानते हैं, जबकि कुछ इसे योगीराज की कल्पना या अतिशयोक्ति मानते हैं। यह दर्शाता है कि रामलला की मूर्ति लोगों के विश्वास और भक्ति का प्रतीक है।
यह घटना हमें यह भी सोचने के लिए प्रेरित करती है कि कला और धर्म के बीच क्या संबंध है। क्या कला में चमत्कारिक शक्तियां हो सकती हैं? क्या कला हमें ईश्वर के करीब ला सकती है? ये सभी ऐसे प्रश्न हैं जिनका कोई आसान उत्तर नहीं है।