रायपुर: सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार द्वारा बीएड धारक सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने और डीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति का आदेश जारी होते ही विवाद गहराता जा रहा है। आदेश के विरोध में बीएड सहायक शिक्षक कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में मौन प्रदर्शन कर रहे हैं और आदेश रद्द होने तक धरना जारी रखने की चेतावनी दी है।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने सहायक शिक्षक के 2855 पदों पर योग्य डीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति का निर्देश दिया था। इसके अनुपालन में लोक शिक्षण संचालनालय ने बस्तर और सरगुजा संभाग के बीएड धारक सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया है।
प्रदर्शन और धरना
बीएड सहायक शिक्षक 19 दिसंबर से नवा रायपुर तूता धरना स्थल पर समायोजन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। 12 दिनों तक सरकार की प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्होंने जल सत्याग्रह शुरू किया। अब सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी होने के बाद यह आंदोलन और उग्र हो गया है।
डीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिकता
हाई कोर्ट के निर्देशों के तहत डीएड अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जा रही है। इस आदेश के तहत योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति सुनिश्चित की जाएगी।
शिक्षकों का आक्रोश
बीएड सहायक शिक्षक सरकार से आदेश रद्द करने और समायोजन की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे तब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती।
सरकार की चुनौती
लोक शिक्षण संचालनालय के इस आदेश से जहां डीएड अभ्यर्थियों को राहत मिली है, वहीं बीएड शिक्षकों के लिए यह बड़ा झटका है। अब देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाती है।