कवर्धा: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के कुछ आदिवासी गांवों में बैंक द्वारा कथित रूप से बैगा आदिवासियों के नाम पर फर्जी लोन स्वीकृत किए जाने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, इस धोखाधड़ी में लगभग 50 लाख रुपये से अधिक की राशि का गमन हुआ है। यह पूरा मामला जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बोड़ला से जुड़ा हुआ है, जहां से पीड़ितों के खातों से रकम निकाली गई और उनके मोबाइल में मैसेज आया, जिससे उन्हें इस धोखाधड़ी का पता चला।
मामला तरेगांव जंगल, कुकुरापानी और कोटनापानी सहित कई गांवों से जुड़ा हुआ है। पीड़ित परिवारों का आरोप है कि यह पूरी प्रक्रिया बैंक के कर्मचारियों और दलालों के मिलेजुले खेल का परिणाम है, जिन्होंने बैगा आदिवासियों के नाम से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन प्राप्त किया।
क्या है KCC लोन?
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन एक प्रकार का ऋण है, जो किसानों को कृषि और उससे संबंधित गतिविधियों के लिए बैंकिंग प्रणाली से सहायता प्रदान करता है। इस लोन का उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है ताकि वे कृषि कार्य, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसी गतिविधियों में काम कर सकें।
KCC लोन के तहत किसानों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
- 2% ब्याज अनुदान और शीघ्र पुनर्भुगतान पर 3% की दर से प्रोत्साहन।
- पशुपालन और मत्स्य पालन से जुड़े किसानों को 2 लाख रुपये तक का अनुदान।
- 1.6 लाख रुपये तक के लोन के लिए कोई संपार्श्विक संपत्ति की आवश्यकता नहीं।
- लोन के साथ स्मार्ट कार्ड (रूपे कार्ड) और दुर्घटना बीमा कवरेज।
- हर साल लोन सीमा में 10% तक की वृद्धि।
पीड़ित परिवारों का आरोप:
पीड़ित परिवारों ने बैंक से शिकायत की है कि उनके नाम पर बिना जानकारी के फर्जी लोन लिया गया है। उनके खातों से रकम निकालने के बाद उन्हें मोबाइल पर मैसेज मिले, जिससे उनका शक और भी गहरा गया। अब यह मामला जांच के दायरे में है और अधिकारियों का कहना है कि वे इस धोखाधड़ी की गहराई से जांच करेंगे।