दुर्ग में फिर पकड़े गए बांग्लादेशी घुसपैठिए, 8 साल से नाम बदलकर रह रहे थे सुपेला में

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इस कड़ी में दुर्ग पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने सुपेला क्षेत्र से एक बांग्लादेशी दंपती को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 8 साल से फर्जी नाम और दस्तावेजों के सहारे भारत में रह रहे थे।

नाम बदलकर रह रहे थे निगरानीशुदा बदमाश के मकान में

पुलिस के अनुसार, आरोपी शाहीदा खातून और उसके पति मोहम्मद रसेल सुपेला की कॉन्ट्रेक्टर कॉलोनी में एक निगरानीशुदा बदमाश हरेराम के मकान में किराए पर रह रहे थे। दोनों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए आधार कार्ड भी बनवाया था। हैरानी की बात यह है कि पुलिस के पास उनका किरायानामा तक जमा नहीं किया गया था।

पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी

एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि दंपती 2009 में बांग्लादेश से भारत में घुसे थे और मुंबई होते हुए 2017 में भिलाई पहुंचे। इसके बाद 2020 में सुपेला पुलिस ने उन्हें एक बार पहले भी गिरफ्तार किया था, लेकिन दस्तावेजों की कमी के बावजूद वे फिर से फर्जी पहचान बनाकर यहां रहने लगे।

वीजा और पासपोर्ट की वैधता खत्म

पूछताछ में सामने आया कि शाहीदा का वीजा 13 सितंबर 2018 को और रसेल का 12 अप्रैल 2020 को समाप्त हो गया था। बावजूद इसके, दोनों अवैध रूप से भारत में रह रहे थे।

दो दिन पहले भी गिरफ्तार हुई थी एक बांग्लादेशी महिला

उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले STF ने सुपेला से ही एक और बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया था, जो फर्जी आधार कार्ड के सहारे दो साल से भिलाई में रह रही थी।

पुलिस कर रही है विस्तृत जांच

फिलहाल, STF ने दोनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया है और हरेराम से भी पूछताछ की जा रही है, जिसने इन दोनों को अपने घर में छुपाकर रखा था। पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने के प्रयास में जुटी है।

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