बस्तर में एक पत्रकार ने पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश करते हुए अपनी शादी को पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त बनाया। इस अनोखी शादी की शुरुआत अनूठे निमंत्रण कार्ड से हुई, जिसे कागज की जगह रुमाल पर प्रिंट किया गया। यह रुमाल धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता।
शादी समारोह में प्लास्टिक के किसी भी सामान का उपयोग नहीं किया गया। पानी के लिए कांच के गिलास, भोजन के लिए मिलामाइन की प्लेटें और चाय-कॉफी के लिए मिट्टी के कुल्हड़ इस्तेमाल किए गए। इसके अलावा, मेहमानों को रिटर्न गिफ्ट के रूप में महंगे शो-पीस की जगह ऑक्सीजन देने वाले पौधे भेंट किए गए, ताकि वे पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकें।
शादी में पटाखों और प्लास्टिक बोतलों का पूरी तरह से बहिष्कार किया गया, जिससे ध्वनि और वायु प्रदूषण को कम किया गया। दूल्हा-दुल्हन आशुतोष और प्रकांक्षा ने कहा कि वे चाहते थे कि उनकी शादी एक खुशी का अवसर होने के साथ-साथ समाज को जागरूक करने का जरिया भी बने।

