जगदलपुर। बस्तर में तैनात माओवादी संगठनों के भीतर अब बड़े पैमाने पर मंथन देखा जा रहा है। पिछले एक महीने में संगठन की ओर से कुल आठ प्रेस नोट जारी किए गए हैं, जिनमें शीर्ष नेताओं ने हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने के संकेत दिए हैं। केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय उर्फ पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू ने इन नोटों में स्पष्ट किया कि अब उनका आंदोलन सामाजिक और राजनीतिक माध्यमों से आगे बढ़ेगा। इस पहल का समर्थन उत्तर बस्तर, गढ़चिरोली और माड़ डिवीजन कमेटी ने भी किया है।
हालांकि, तेलंगाना स्टेट कमेटी ने इस दावे को खारिज करते हुए एक अलग प्रेस नोट जारी किया, जिससे संगठन में मतभेद की स्थिति स्पष्ट हो गई है। बस्तर पुलिस ने इन सभी नोटों की जांच शुरू कर दी है और उनकी सच्चाई की पुष्टि की जा रही है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि माओवादी नेताओं के पास अब केवल एक विकल्प बचा है—हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटना। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी माओवादी समूह या व्यक्ति आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में आएगा, उसका स्वागत किया जाएगा और पुनर्वास की पूरी सुविधा प्रदान की जाएगी।
आईजी ने चेतावनी दी कि हिंसक गतिविधियां जारी रखने वाले माओवादी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अब समय सीमित है, इसलिए हिंसा छोड़कर शांति का मार्ग अपनाना ही उनके लिए बेहतर विकल्प है।