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रायपुर दक्षिण विधानसभा का रण: भितरघातियों पर कांग्रेस की नजर, निर्दलीय दावेदारों का बढ़ता प्रभाव

रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को भितरघात का डर, पंचों से करवा रही सर्वे, भाजपा में भी मंथन जारी

रायपुर दक्षिण विधानसभा में उपचुनाव के मद्देनजर कांग्रेस में आंतरिक असंतोष और भितरघात की संभावनाएं पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी आकाश शर्मा को टिकट मिलने के बाद अन्य दावेदारों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। पार्टी ने इसके लिए पंच-सरपंचों की टीमें नियुक्त की हैं, जो दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में संभावित बागियों की गतिविधियों पर निगरानी कर रही हैं।

इस निगरानी अभियान के तहत दूसरे जिलों से भी एक विशेष टीम को बुलाया गया है, जो स्थानीय लोगों से बातचीत कर दावेदारों की मंशा का पता लगा रही है। इस बीच, कन्हैया अग्रवाल नामांकन के अंतिम दिन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल करने पहुंचे थे, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में आने के बाद बिना नामांकन भरे लौट गए, जिससे कांग्रेस के अंदरूनी भितरघात का डर और बढ़ गया है।

दूसरी ओर, भाजपा में प्रत्याशी चयन के बाद संगठन में भले ही इस्तीफे देखने को मिले हों, परंतु वरिष्ठ नेताओं में एकजुटता बरकरार है। हालांकि, युवा मोर्चा के पदाधिकारी संदीप तिवारी ने इस्तीफा देकर एक असंतोष का संकेत दिया है, फिर भी पार्टी के बड़े नेता इस उपचुनाव में संगठित नजर आ रहे हैं।

कांग्रेस को इस समय भितरघात से निपटने के लिए अपनी रणनीतियों को मजबूती से लागू करना होगा। आकाश शर्मा की टिकट घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने हेतु बुलाई गई बैठक में कई टिकट दावेदारों की अनुपस्थिति ने पार्टी की चिंताएं और बढ़ा दी हैं। रायपुर दक्षिण के इस चुनावी रण में कांग्रेस को एकजुटता और सावधानी से काम करना होगा, ताकि आगामी चुनाव में पार्टी के भीतर से किसी प्रकार की रुकावट न आए।

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