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रायपुर दक्षिण विधानसभा का रण: कांग्रेस के 11 पार्षद होने के बावजूद क्यों पिछड़ रही पार्टी?

भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल का प्रभाव, कांग्रेस के लिए बढ़ी चुनौती। वार्डों में पार्षदों की स्थिति के बावजूद विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा की बढ़त बरकरार।

रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का चुनावी संग्राम जोरों पर है। इस क्षेत्र में कुल 19 वार्ड आते हैं, जिनमें से 11 पार्षद कांग्रेस के हैं, जबकि भाजपा के 8 पार्षद हैं। फिर भी, 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस के डॉ. महंत रामसुंदर दास को 67,719 मतों से हराया था। विधानसभा चुनाव के ठीक छह महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस अंतर को और भी बढ़ाते हुए कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय के खिलाफ 89,153 मतों की लीड हासिल की।

कांग्रेस के लिए रायपुर दक्षिण का यह चुनावी रण आसान नहीं दिख रहा है, खासकर पार्टी के अंदरूनी कलह और बड़े नेताओं की अनदेखी के चलते। दूसरी ओर, भाजपा के लिए भी यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि पूर्व सांसद सुनील सोनी को निष्क्रियता के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।

भाजपा के प्रत्याशी सुनील सोनी ने नामांकन दाखिल करने से पहले ही जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया, जबकि कांग्रेस की ओर से प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने का प्रयास किया है।

दक्षिण विधानसभा में जीत का बड़ा हिस्सा बूथ मैनेजमेंट पर निर्भर करेगा। मौदहापारा और संजय नगर जैसे इलाकों में कांग्रेस को लीड मिलती है, जबकि ब्राह्मण पारा और पुरानी बस्ती जैसे इलाके भाजपा को लीड दिलाते हैं।

फैक्ट फाइल:

19 वार्ड विधानसभा क्षेत्र में
9 कांग्रेसी पार्षद
2 निर्दलीय पार्षद (कांग्रेस समर्थक)
8 भाजपा पार्षद
67,719 मतों का अंतर विधानसभा चुनाव में
89,153 मतों की लीड लोकसभा चुनाव में

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