शराब घोटाले के परदे के पीछे: 2200 करोड़ की साजिश का खुलासा

22 सौ करोड़ के शराब घोटाले में नए तथ्य सामने आए हैं, जहां ईडी की जांच में पाया गया कि सीएमसीएल के अफसर बिल भुगतान के एवज में कमीशन लेते थे। नौ लोगों पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज।

22 सौ करोड़ के शराब घोटाले में नए खुलासे हुए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में पता चला है कि छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड (सीएमसीएल) के अफसर बिल भुगतान करने के नाम पर आठ प्रतिशत कमीशन लेते थे। इस सिलसिले में ईडी ने सीएमसीएल के तत्कालीन डीजीएम नवीन प्रताप सिंह तोमर समेत नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। जल्द ही इन आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।

ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, मैन पावर उपलब्ध कराने वाली कंपनियों से सीएमसीएल के अधिकारी रिश्वत लेकर बिल पास करते थे। इस दौरान दो लोगों को 28.80 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। इस रिश्वतखोरी में तिजाउराम निर्मलकर, अभिषेक कुमार सिंह और अन्य आरोपी शामिल थे।

पिछले वर्ष, 29 नवंबर को सीएमसीएल के दफ्तर में छापेमारी के दौरान भी इसी प्रकार की रिश्वतखोरी का मामला उजागर हुआ था। उस समय दो व्यक्तियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। जांच के अनुसार, सीएमसीएल के अफसर नवीन प्रताप सिंह तोमर के निर्देश पर यह रिश्वत ली जाती थी, जिसमें बिल भुगतान के बदले आठ प्रतिशत कमीशन लिया जाता था।

ईडी की जांच और गिरफ्तारियों की प्रक्रिया अभी भी जारी है, और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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