रतनपुर के सिद्ध तंत्र पीठ में भैरव बाबा का होगा भव्य श्रृंगार, 9 दिनों तक चलेगा रुद्राभिषेक

बिलासपुर। हिंदू धर्म में काल भैरव जयंती का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप काल भैरव जी की पूजा-अर्चना श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, काल भैरव जयंती मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस अवसर पर रतनपुर स्थित सिद्ध तंत्र पीठ भैरव मंदिर में हर साल की तरह इस बार भी भव्य आयोजन हो रहा है।

मंदिर के महंत पं. जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि भैरव बाबा का सुबह एक क्विंटल गेंदे के फूल और नरमुंड की माला से विशेष श्रृंगार किया गया। 21 वैदिक पंडितों ने राज्योपचार और नमक-चमक विधि से बाबा की पूजा-अर्चना की। बाबा को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए गए, जिसके बाद महाआरती संपन्न हुई। भक्तों के दर्शन के लिए बाबा का पट रातभर खुला रहेगा।

9 दिवसीय रुद्राभिषेक और तंत्र साधना का आयोजन

महंत अवस्थी ने बताया कि 9 दिवसीय विशेष कार्यक्रम के तहत प्रतिदिन रुद्राभिषेक और तंत्र साधना की जा रही है। रात्रि में भैरव बाबा को तंत्र साधना के साथ आहुतियां दी जा रही हैं। इस दौरान मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन भी किया जा रहा है। महंत के अनुसार, बाबा के दर्शन के लिए प्रदेश ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

राजश्री श्रृंगार में भैरव बाबा का दिव्य रूप

काल भैरव जी का राजश्री श्रृंगार भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। नरमुंड की माला और विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाए गए भैरव बाबा अपने दिव्य और मनमोहक रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं। इस दौरान प्रदेशभर के भैरव भक्त अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बाबा से प्रार्थना करते हैं।

पूजा में 21 विद्वान पंडितों ने की भागीदारी

भैरव जयंती के पूजन कार्यक्रम में पं. दिलीप दुबे, पं. महेश्वर पांडेय, पं. राजेंद्र दुबे, पं. कान्हा तिवारी, पं. विक्की अवस्थी, पं. सोनू अवस्थी, आचार्य गिरधारीलाल पांडेय, पं. अवनीश मिश्रा, पं. बल्ला दुबे, पं. गौरीशंकर तिवारी, पं. राम सुमित तिवारी, और यशवंत पांडेय सहित 21 विद्वान पंडितों ने पूजा संपन्न कराई।

श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत इस आयोजन में भक्तों का अपार उत्साह देखने को मिल रहा है।

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