रायपुर। भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापटनम इकॉनॉमिक कॉरिडोर में मुआवजा घोटाले की जांच पूरी कर राज्य प्रशासन ने सभी रिपोर्टें केंद्र को भेज दी हैं। रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे ने बताया कि चारों जांच समितियों ने अपनी रिपोर्टें तैयार कर संभागायुक्त कार्यालय में सौंप दी हैं। अब इन रिपोर्टों को केंद्र और राज्य सरकार को भेजा गया है।
जांच के दौरान नई शिकायतें भी सामने आईं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए रायपुर संभाग की उपायुक्त यामिनी पांडेय की अध्यक्षता में एक अतिरिक्त समिति का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य नई प्राप्त शिकायतों और दावा-आपत्तियों की विस्तार से जांच करना है।
संपूर्ण प्रक्रिया में करीब डेढ़ सौ से अधिक दावा-आपत्तियां और शिकायतें दर्ज की गई थीं। इनकी जांच के लिए अपर कलेक्टरों की अध्यक्षता में चार अलग-अलग टीमों का गठन किया गया था। शुरुआती समय सीमा में रिपोर्टें नहीं मिलने के कारण तीन माह बाद सभी टीमों की रिपोर्टें संभागायुक्त को सौंपने के बाद विस्तृत स्क्रूटनी की गई।
संभागायुक्त महादेव कावरे ने कहा कि रिपोर्ट की समीक्षा के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सड़क परिवहन मंत्रालय को अंतिम रिपोर्ट भेज दी गई है और राज्य सरकार भी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है।
जानकारी के अनुसार, रायपुर-विशाखापटनम कॉरिडोर में एसडीएम निर्भय साहू और अन्य राजस्व अधिकारियों ने भूमाफियों को अधिक मुआवजा दिलवाया, जिससे राज्य को लगभग 600 करोड़ की हानि हुई। मामले का संज्ञान लेने पर मार्च में तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू, दो तहसीलदार और तीन पटवारियों को निलंबित कर दिया गया था। ईओडब्ल्यू आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच कर रही है।