रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजनीतिक प्रतिशोध की कथित कार्रवाई को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। राजधानी रायपुर की एक अदालत ने EOW/ACB (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) के निदेशक सहित अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गिरीश देवांगन की ओर से दायर किए गए एक परिवाद (शिकायत याचिका) पर जारी किया गया है।
क्या है गिरीश देवांगन का आरोप?
कांग्रेस नेता गिरीश देवांगन ने अपने परिवाद में EOW/ACB अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं:
• झूठे बयान दर्ज कराना: आरोप है कि अधिकारियों ने कथित कोल घोटाले और अन्य मामलों में राजनीतिक दबाव बनाने के उद्देश्य से अभियुक्तों/गवाहों से झूठे बयान दर्ज कराए हैं।
• धाराओं का दुरुपयोग: देवांगन का कहना है कि एजेंसी ने CrPC की धारा 164 या नई BNSS की धारा 183 के तहत गलत तरीके से बयान दर्ज करवाए, जो पूरी तरह से कानूनन अनुचित है। उनका आरोप है कि यह सब राजनीतिक प्रतिशोध की मंशा से किया जा रहा है।
भूपेश बघेल ने दी प्रतिक्रिया
इस मामले में कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए वर्तमान सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने यह भी कहा कि गिरीश देवांगन ने अपने परिवाद में एजेंसी पर झूठे बयान गढ़ने और राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई करने के आरोप लगाए थे। बघेल ने याद दिलाया कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने पहले भी एक संयुक्त पत्र जारी कर इस पूरी प्रक्रिया को “लोकतंत्र के लिए घातक परिपाटी” बताया था।
अदालत द्वारा EOW/ACB के शीर्ष अधिकारियों को जारी किया गया यह नोटिस, अब इस संवेदनशील मामले में एक महत्वपूर्ण कानूनी मोड़ माना जा रहा है।