रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया कि 18 लाख आवास बनाने की योजना में शहरी आवास शामिल हैं या नहीं। पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने स्पष्ट किया कि शहरी आवास इस योजना के तहत आते हैं।
भूपेश बघेल ने यह भी पूछा कि शहरी क्षेत्रों में आवास के कितने डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) केंद्र को भेजे गए हैं। मंत्री अरुण साव ने बताया कि पिछली सरकार ने 19,906 आवासों के लिए डीपीआर केंद्र को भेजे थे, लेकिन नए आवासों की स्वीकृति अब तक केंद्र से नहीं मिली है।
बघेल ने आगे कहा कि पिछले आठ महीनों में एक भी नया आवास बनाने का प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। मंत्री साव ने जवाब दिया कि स्वीकृति मिलने के बाद ही नए प्रस्ताव भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि कच्चे मकानों का पट्टा देना राज्य सरकार के अधिकार में है और इन मकानों को पक्का करने का डीपीआर बनाकर केंद्र को भेजा जाता है। पट्टा वाले मकानों को लेकर भी सरकार विचार कर रही है।
अंत में, बघेल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना को नौ साल हो गए हैं और मकान बनाना अब खर्चीला हो गया है। उन्होंने पूछा कि क्या 2015 की स्वीकृत राशि को बढ़ाने की पहल सरकार करेगी। इस पर मंत्री अरुण साव ने कहा कि सरकार इस पर विचार कर निर्णय लेगी।