CBI की रेड खत्म होने के बाद बोले भूपेश बघेल- रायपुर निवास करना था सील…कुछ नहीं मिला तो 3 मोबाइल ले गए

दुर्ग। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर सीबीआई की जांच पूरी हो चुकी है। छापेमारी के बाद बघेल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार उन पर ‘प्रोटेक्शन मनी’ लेने का आरोप लगा रही है, जबकि उन्होंने अपने कार्यकाल में 74 एफआईआर दर्ज करवाई थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी दौरे से पहले सीबीआई की कार्रवाई केवल एक राजनीतिक हथकंडा है। उन्होंने बताया कि उनके घर से कुछ नहीं मिला, लेकिन सीबीआई अधिकारी उनके तीन मोबाइल फोन ले गए।

सीबीआई ने जब्त किए दस्तावेज

भूपेश बघेल ने कहा कि इससे पहले ईडी ने भी छापेमारी की थी, लेकिन उन्हें कुछ खास हाथ नहीं लगा। अब सीबीआई ने उनके भूमि और संपत्तियों से जुड़े सभी दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीबीआई उन्हीं संपत्तियों की जांच कर रही है, जिनकी पहले रमन सिंह सरकार, ईडी और एसीबी ने जांच की थी।

महादेव एप घोटाले से जुड़े लोगों पर भी जांच

भूपेश बघेल ने सवाल उठाया कि भाजपा नेताओं से जुड़े लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? उन्होंने कथावाचक प्रदीप मिश्रा और महादेव एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के संबंधों की भी जांच की मांग की।

33 से अधिक ठिकानों पर सीबीआई का छापा

सीबीआई ने रायपुर, भिलाई और अन्य स्थानों पर 33 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान पूर्व सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, आईपीएस आनंद छाबड़ा, प्रशांत अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, एडिशनल एसपी अभिषेक महेश्वरी, एडिशनल एसपी संजय ध्रुव सहित कई अधिकारियों के आवासों की तलाशी ली गई।

महेश्वरी और अन्य अफसरों के घर सील

सीबीआई ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक महेश्वरी के राजनांदगांव स्थित आवास को सील कर दिया है। इसके अलावा, भूपेश बघेल के पूर्व ओएसडी मनीष बंछोर के घर से भी संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए।

महादेव सट्टा एप घोटाले की पूरी कहानी

अगस्त 2024 में छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव बेटिंग एप घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। इस मामले की जांच पहले ईडी और फिर एसीबी व आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंपी गई थी। लोकसभा चुनाव से पहले 4 मार्च 2024 को एसीबी ने चार्जशीट में भूपेश बघेल को आरोपी बनाया था। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी।

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