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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: चैतन्य बघेल 5 दिन की ED रिमांड पर

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर छापा मारा और उनके बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां विशेष न्यायाधीश डमरूधर चौहान की कोर्ट ने 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया।

चैतन्य के वकील फैज़ल रिज़वी ने बताया कि ईडी ने अब तक उन्हें कोई समन जारी नहीं किया था। उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी लक्ष्मी उर्फ पप्पू बंसल के बयान के आधार पर की गई है। वकील ने यह भी आरोप लगाया कि चैतन्य बघेल के जन्मदिन के दिन, जब वह पूजा कर रहे थे, उस वक्त ईडी टीम ने जूते पहनकर पूजा स्थल में घुसकर उन्हें गिरफ्तार किया, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने इस कार्रवाई को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया।

कांग्रेस का आक्रोश: विधानसभा का बहिष्कार

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने जोरदार प्रदर्शन किया और पूरे दिन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया। भूपेश बघेल सहित सभी कांग्रेस विधायक जिला कोर्ट पहुंचे। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता ईडी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और दोपहर बाद पूरे राज्य में विरोध कार्यक्रम चलाए जाने की संभावना है।

भूपेश बघेल का बयान: “न टूटूंगा, न झुकूंगा”

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,
“पिछली बार मेरे जन्मदिन पर ईडी आई थी, और आज मेरे बेटे के जन्मदिन पर फिर से ईडी आई है। हम डरने और झुकने वाले नहीं हैं। सत्य की लड़ाई लड़ते रहेंगे। केंद्र सरकार विपक्ष की आवाज दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। लेकिन हमें लोकतंत्र और न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है।”

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?

वर्ष 2019 से 2023 के बीच, राज्य के 15 बड़े जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारियों और अन्य विभागीय कर्मियों ने “बी-पार्ट शराब” के नाम पर एक समानांतर अवैध बिक्री तंत्र खड़ा किया। फर्जी रिकॉर्ड के जरिए बिना ड्यूटी चुकाई गई देशी शराब को वैध शराब के साथ मिलाकर सरकारी दुकानों में बेचा गया।

इस घोटाले में डिस्टलरी मालिक, ट्रांसपोर्टर, सेल्समैन, आबकारी अधिकारी, मंडल प्रभारी, मैनपावर एजेंसियां तक शामिल थीं। अवैध कमाई सिंडीकेट को सीधे पहुंचाई जाती थी, जिसे व्यवस्थित रूप से धन शोधन के जरिए सफेद किया जाता था।

घोटाले की अनुमानित राशि: ₹3200 करोड़ से अधिक

EOW/ACB की जांच में अब तक करीब 60.5 लाख पेटियों की अवैध बिक्री के प्रमाण मिले हैं, जिसकी अनुमानित कीमत ₹3200 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। पहले अनुमानित राशि ₹2174 करोड़ थी, जिसे अब बढ़ाकर संशोधित किया गया है।

अब तक की प्रमुख गिरफ्तारियां:

अब तक इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें प्रमुख नाम हैं:

FIR में 70 से अधिक नामजद आरोपी हैं। अब तक चार अभियोग पत्र न्यायालय में दाखिल किए जा चुके हैं।

पूर्व मंत्री को घोटाले से मिले थे 64 करोड़

जांच में खुलासा हुआ है कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों और एजेंसियों ने यह सुनियोजित घोटाला अंजाम दिया। इस घोटाले से लखमा को 64 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ मिला, जिसे निजी और पारिवारिक खर्चों में उपयोग किया गया।

जांच जारी:

EOW और ACB की टीम शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन, विदेशी शराब में कमीशन, और राज्य स्तरीय नेटवर्क की परतें लगातार उजागर कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में और भी बड़े नामों पर शिकंजा कस सकता है।

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