बिलासपुर। रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाइवे एक बार फिर खून से लाल हो गया। लिमतरा सरगांव के पास देर रात तेज रफ्तार वाहन ने 16 गौवंशों को कुचल दिया, जिसमें 15 की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल है। इस दर्दनाक घटना से आक्रोशित गौसेवकों ने मृत गायों के शव सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया, जिससे आवागमन घंटों बाधित रहा।
20 दिन में तीसरी बड़ी दुर्घटना
जिले में गौवंशों की सड़क दुर्घटना में मौत की यह 20 दिन के भीतर तीसरी बड़ी घटना है। इससे पहले रतनपुर, चकरभाठा, सिलपहरी-कराड़ और ढेका के बीच हुए एक हादसे में 50 से ज्यादा गौवंशों की जान गई थी। लगातार हो रही इन घटनाओं से स्थानीय लोगों और गौसेवकों में भारी रोष है।
प्रशासन ने धारा 163 लागू की
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही प्रशासन ने जिले में धारा 163 को प्रभावशील किया था। इसके तहत सड़क पर खुले में मवेशी छोड़ने पर उनके मालिक जिम्मेदार माने जाएंगे। नियम के अनुसार हादसे की स्थिति में पशु मालिक को सजा और जुर्माना दोनों का सामना करना पड़ेगा।
बढ़ता आक्रोश और सवाल
लगातार हो रही घटनाओं से गौसेवक और आमजन प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि सड़क पर मवेशियों की मौजूदगी रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। वहीं, प्रशासन का तर्क है कि धारा 163 लागू होने के बाद अब मवेशी मालिकों को जिम्मेदारी निभानी होगी।