बिलासपुर, छत्तीसगढ़। बिलासपुर जिले का सीपत थाना दिवाली से ठीक एक दिन पहले एक बड़े विवाद के केंद्र में आ गया। मामला सार्वजनिक शौचालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पोस्टर (प्लेक्स) को अस्थायी दरवाज़े के रूप में लगाने से जुड़ा है, जिसे देखकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ता भड़क उठे और थाने में जमकर हंगामा किया।
क्या है पूरा मामला?
सीपत थाने में परिसर में स्थित एक सार्वजनिक शौचालय का दरवाज़ा टूटा हुआ था। पुलिसकर्मियों ने इस टूटे दरवाज़े की जगह ‘सुशासन पखवाड़ा’ से संबंधित एक प्लेक्स (पोस्टर), जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की तस्वीरें थीं, को अस्थायी तौर पर दरवाज़े के रूप में लगा दिया।
जैसे ही इस बात की जानकारी स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को मिली, वे भारी संख्या में थाने पहुंच गए।
‘यह घोर अपमान है’: भाजपाइयों का हंगामा
• आक्रोश: भाजपा कार्यकर्ताओं ने शौचालय में देश और प्रदेश के मुखिया की तस्वीर लगाने को घोर अपमान बताया। उनका कहना था कि यह जानबूझकर किया गया कृत्य है और इससे करोड़ों कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
• थाना प्रभारी पर आरोप: कार्यकर्ताओं ने सीधे थाना प्रभारी पर निशाना साधा और उन पर अवैध शराब बिक्री जैसे गंभीर आरोप भी लगाए।
• कार्रवाई की मांग: हंगामा कर रहे नेताओं ने मांग की कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पोस्टर को इस तरह अपमानजनक तरीके से उपयोग करने वाले जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर तत्काल FIR दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए, और थाना प्रभारी को तुरंत हटाया जाए।
डीएसपी ने दिया जांच का आश्वासन
मामला बढ़ता देख पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। डीएसपी (DSP) ने भाजपा नेताओं से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि वे पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाएंगे। उन्होंने कहा कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएसपी के इस आश्वासन के बाद ही भाजपा कार्यकर्ता शांत हुए और हंगामा समाप्त हुआ।
यह घटना छत्तीसगढ़ में सरकारी योजनाओं और राजनीतिक सम्मान से जुड़े मामलों को लेकर चल रहे तनाव को दर्शाती है।