रायपुर। वित्त मंत्री ओपी चौधरी के बजट भाषण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तंज पर सियासत गरमा गई है। बघेल ने इसे “सिंगल माइक पॉडकास्ट” और “कवि सम्मेलन” बताते हुए कटाक्ष किया था, जिस पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि बघेल का बयान सतनामी समाज और प्रदेश के जनजातीय समाज का अपमान है।
भाजपा ने जताई कड़ी आपत्ति
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रमुख अमित चिमनानी ने कहा कि वित्त मंत्री चौधरी ने बजट भाषण में वीर गुंडाधुर और गुरु घासीदास का जिक्र किया, जो छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ के लोग बाबा गुरु घासीदास को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करते हैं। जब-जब छत्तीसगढ़ में शौर्य की बात होती है, तो वीर गुंडाधुर और शहीद वीर नारायण सिंह का नाम लिया जाता है। ऐसे महानायकों से जुड़ी संस्कृति का अपमान करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
बघेल ने क्या कहा था?
बजट भाषण के बाद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “ये बजट भाषण था या गणतंत्र दिवस का भाषण? यह किसी कवि सम्मेलन की भूमिका थी? भाजपा के लोगों को भी समझ नहीं आया होगा। न जनता के लिए कोई राहत, न किसान, युवा, महिला के लिए कोई घोषणा। बेहद निराशाजनक और ‘सिंगल माइक पॉडकास्ट’ समाप्त हुआ।”
भाजपा ने की माफी की मांग
चिमनानी ने आगे कहा कि बघेल ने वीर गुंडाधुर और बाबा गुरु घासीदास को मानने वाले लाखों लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने मांग की कि बघेल अपने बयान के लिए माफी मांगें, क्योंकि यह छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ है। भाजपा ने इसे जनजातीय समाज और सतनामी समाज का सीधा अपमान बताया है।