राजधानी में पानी के लिए तरस रहे लोग! निगम अब रोबोट से करेगा जांच

रायपुर। नगर निगम जोन-4 के ब्राम्हणपारा वार्ड के करीब चार मोहल्लों में पिछले चार महीने से पेयजल समस्या जस की तस बनी हुई है। स्थिति यह है कि जुलाई-अगस्त जैसे बरसाती महीनों में भी लोग अपने पार्षद से पानी के टैंकर की मांग करने मजबूर हैं। नगर निगम ने अब तक कई प्रयोग किए, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं मिल सका। अब निगम ने नई तकनीक का सहारा लेने का फैसला किया है। पाइपलाइन की आंतरिक स्थिति जानने के लिए रोबोटिक लैंस का इस्तेमाल किया जाएगा।

निगम के लिए चुनौती बनी समस्या

नगर निगम आयुक्त विश्वदीप ने माना कि शहर के मध्य स्थित इस वार्ड की पेयजल समस्या लगातार चुनौती बनी हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि रोबोटिक जांच के बाद जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा। वहीं वार्ड पार्षद अजय साहू ने निगम अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि समस्या का हल निकालने के लिए उचित और ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, इसी वजह से लोग लंबे समय से परेशान हैं।

पाइपलाइन में उतरेगा रोबोट

जलकार्य विभाग के कार्यपालन अभियंता नरसिंग फरेंद्र ने बताया कि सोनालाइट कंपनी द्वारा तैयार यह विशेष रोबोट यंत्र केवल पेयजल पाइपलाइन की जांच के लिए डिजाइन किया गया है। दुर्ग में इसी मशीन से परीक्षण किए जाने के बाद अच्छे नतीजे सामने आए थे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अब इसे ब्राम्हणपारा के सोहागा मंदिर के पीछे की पाइपलाइन में उतारा जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस परीक्षण के लिए निगम को कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना होगा। यदि परिणाम संतोषजनक रहे तो आगे अन्य प्रभावित वार्डों में भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

पानी वितरण में उलझन

ब्राम्हणपारा वार्ड को मोतीबाग और ईदगाह भाठा की पानी टंकियों से सप्लाई मिलती है। हालांकि, नजदीक होने के बावजूद ईदगाह भाठा टंकी से जुड़े मोहल्ले जैसे धोबीपारा, पंचपथपारा गली, अवधियापारा और भोईपारा से आगे सिंधी गली तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इस समस्या को हल करने के लिए निगम ने सारथी चौक से नई पाइपलाइन डालने का प्रस्ताव बनाया था और इसके लिए करीब 40 लाख रुपये भी स्वीकृत किए, लेकिन काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है।

नागरिकों की बढ़ती परेशानी

लगातार हो रही देरी और तकनीकी प्रयोगों से नागरिकों की परेशानी और बढ़ गई है। गर्मी के मौसम से लेकर अब तक पानी की कमी से जूझ रहे लोग बरसात में भी राहत नहीं पा सके हैं। ऐसे में उम्मीद है कि रोबोटिक जांच से समस्या की वास्तविक वजह सामने आएगी और जल्द ही समाधान निकलेगा।

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