करंट लगने से मरा नन्हा हाथी, वन विभाग की लापरवाही.. तीन दिन तक पड़ा रहा शव

तखतपुर। छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में रायगढ़ जिले के घरघोड़ा में तीन हाथियों की एक साथ मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि एक और दुखद घटना बिलासपुर जिले के टिंगीपुर में सामने आई है। यहां मात्र तीन वर्षीय नन्हें हाथी की करंट लगने से मौत हो गई। इस नन्हें हाथी का शव पिछले दो से तीन दिनों से जंगल में पड़ा रहा, लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उसकी सुध लेने नहीं पहुंचा। अब जाकर वन विभाग की टीम ने मामले का संज्ञान लिया है और मृत हाथी के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।

जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

इस मामले में बिलासपुर रेंज के सीसीएफ प्रभात मिश्रा ने बताया कि नन्हें हाथी की मौत करंट लगने के कारण हुई है और इसके लिए जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मीडिया से बातचीत में प्रभात मिश्रा ने विभाग के अधिकारियों का बचाव करते हुए कहा कि बिट गार्ड का क्षेत्र छोटा होता है और यदि वह अपने कार्य क्षेत्र को नहीं देख पा रहा है, तो प्रथम कार्रवाई उसी पर की जाएगी। यह घटना वन विभाग की लापरवाही का संकेत देती है।

वन्य जीव प्रेमियों में आक्रोश

हाथियों की लगातार हो रही मौतों से वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, लेकिन इसके बावजूद ऐसी घटनाएं बार-बार घट रही हैं। युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव रामेश्वर पूरी गोस्वामी ने भी इस घटना पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया और सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हाथियों के संरक्षण पर भारी राशि खर्च की जाती है, फिर भी ऐसी घटनाएं विभाग की उदासीनता को दर्शाती हैं।

बढ़ती शिकार की घटनाओं पर चिंता

रामेश्वर पूरी ने बताया कि क्षेत्र में शिकार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और जंगली जानवरों के शिकार के लिए बिजली के तारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तरह की घटनाओं पर काबू पाने के लिए उन्होंने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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