रायपुर/दुर्ग। अगर आप 87 करोड़ रुपये में लगे ढेर सारे ज़ीरो देखकर हैरान हो गए हैं, तो साफ कर दें – ये ज़ीरो किसी गलती से नहीं, बल्कि एक बड़े साइबर फ्रॉड के गवाह हैं। दुर्ग के केनरा बैंक में 87 करोड़ से ज्यादा की साइबर ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है। मामले के सामने आते ही बैंक मैनेजर हरकत में आए और वैशाली नगर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
बैंक के 111 खातों में ट्रांसफर हुई ठगी की रकम
वैशाली नगर थाना प्रभारी (टीआई) ने बताया कि केनरा बैंक की शाखा में 111 खातों में साइबर फ्रॉड की रकम ट्रांसफर हुई थी। हालांकि बैंक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए करीब 22 लाख रुपये की रकम होल्ड कर ली, लेकिन तब तक ज्यादातर खातों से पैसे निकाल लिए गए थे।
म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल, बड़े गिरोह की आशंका
बताया जा रहा है कि इन सभी खातों का इस्तेमाल म्यूल अकाउंट्स के तौर पर किया गया था – यानी जिन खातों में फ्रॉड की रकम केवल पास-थ्रू के लिए डाली जाती है और तुरंत निकाल ली जाती है। इससे साफ संकेत मिलता है कि यह पूरा मामला एक संगठित साइबर अपराध गिरोह से जुड़ा हो सकता है।
FIR दर्ज, बड़ी कार्रवाई की तैयारी
केनरा बैंक मैनेजर की शिकायत पर दुर्ग पुलिस ने इन खाताधारकों के खिलाफ भारतीय न्यायक संहिता (BNS) की धाराएं
- 317(2)-BNS,
- 317(4)-BNS,
- 318(4)-BNS और
- 61(2)(a)-BNS
के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। अब इस मामले में पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां की जा सकती हैं।
क्या है म्यूल अकाउंट्स का रोल?
म्यूल अकाउंट्स वे बैंक खाते होते हैं, जिनका इस्तेमाल असली अपराधियों द्वारा केवल अवैध रकम को इधर से उधर करने के लिए किया जाता है। इन खातों के धारकों को मामूली कमीशन देकर उनका इस्तेमाल किया जाता है। कई बार खाता धारक खुद भी इस अपराध में शामिल होते हैं।
अब तक की कार्रवाई और आगे की राह
बैंक की ओर से होल्ड की गई रकम के अलावा बाकी राशि का क्या हुआ, इसका पता लगाने के लिए पुलिस साइबर क्राइम यूनिट की मदद ले रही है।
इस पूरे मामले ने देशभर में सक्रिय साइबर अपराधियों और स्थानीय नेटवर्क के कनेक्शन की संभावना को भी जन्म दे दिया है।