छत्तीसगढ़ में दो चरणों में सात और 17 नवंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हुई. अब परिणाम के लिए भी ज्यादा समय नहीं बचा है, सभी 3 दिसंबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. जिसके लिए चुनाव आयोग ने 33 जिला मुख्यालयों में 90 सीटों की काउंटिंग के लिए पूरी तैयारी पूरी कर ली है. निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना कराने का दावा किया है. वोट काउंटिंग के दौरान बिना प्राधिकार पत्र के किसी भी व्यक्ति के लिए मतगणना कक्ष में प्रवेश वर्जित होगा.
33 जिला मुख्यालयों में 90 सीटों की काउंटिंग
दरअसल, मतगणना को लेकर निर्वाचन आयोग ने पूरी तैयारी करने के बाद बताया कि सभी काउंटिंग सेंटर में प्रेक्षकों की निगरानी में होने वाली वोटिंग के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 14 टेबल लगाए गए हैं. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी, जिसमें सबसे पहले सर्विस वोटरों के मतों की काउंटिंग होगी. सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलैट सिस्टम यानि कि ईटीपीबीएस से प्राप्त वोटों के क्यूआर कोड की स्कैनिंग होगी. उसके बाद डाक मतपत्रों की काउंटिंग शुरू की जाएगी. इसके बाद साढ़े आठ बजे के बाद सभी टेबलों पर एक साथ मतगणना शुरू हो जाएगी.
वो सीटें जहां सबसे पहले आएंगे परिणाम- प्रदेश की नब्बे विधानसभा सीटों में से कवर्धा में सबसे अधिक तीस राउंड में वोटों की गिनती होगी. इसके बाद कसडोल में 29 चक्रों में गिनती होगी. वहीं सबसे कम मनेन्द्रगढ़ और भिलाई नगर में 12 राउंट में वोटिंग होगी. यानि कि तीन दिसंबर को विधानसभा वार जीत हार का फैसला दोपहर के बाद साफ होने लगेगा, लेकिन 90 सीटों में सबसे पहले मनेन्द्रगढ़ और भिलाई नगर में मतगणना पूरी होगी. हार जीत का परिणाम सबसे पहले इन्हीं दो सीटों पर आएगा. इसके अलावा सबसे अंतिम में कवर्धा सीट पर हार जीत का फैसला होगा.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले के अनुसार वोटिंग की पूरी प्रक्रिया मतगणना प्रेक्षक और सामान्य प्रेक्षक की निगरानी में होगी. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि इस दौरान हर राउंड के खत्म होने पर उम्मीदवार या उनके एंजेट की उपस्थिति और प्रेक्षक की निगरानी में रैंडमली किसी दो कंट्रोल यूनिट का परीक्षण किया जाएगा।
वहीं सभी राउंड की गिनती पूरी होने के बाद 5 वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपेट) का ड्रॉ के माध्यम से चयन कर वोटों का सत्यापन करने की प्रक्रिया की जाएगी।
त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में EVM स्ट्रांग रूम
मतदान के बाद से ईवीएम को सभी जिला मुख्यालयों में स्ट्रांग रूम को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है.मतगणना के दौरान प्रत्याशी किसी भी टेबल पर जाकर काउंटिंग को प्रत्यक्ष देख सकेंगे, जबकि उनके एजेंट निर्धारित टेबल पर ही काउंटिंग का निरीक्षण कर पाएंगे.
वहीं काउंटिंग की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग भी की जाएगी. इस दौरान मतगणना कक्ष सिर्फ प्रेक्षक और रिटर्निंग ही मोबाइल कैरी कर पाएंगे। बाकियों को इसकी अनुमति नहीं होगी।
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