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छत्तीसगढ़ में असाधारण राजपत्र प्रकाशन पर सख्त दिशा-निर्देश लागू

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन ने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के असाधारण राजपत्र में आदेश, अधिसूचना या अध्यादेश प्रकाशित करने पर सख्त कदम उठाया है. मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने इस संबंध में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विशेष सचिवों को पत्र जारी किया है. यह पत्र मंत्रालय के सभी विभागों में भेजा गया है, जिसमें असाधारण राजपत्र प्रकाशन के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

मुख्य सचिव के पत्र में लिखे गए मुख्य बिन्दु-

i. अत्यावश्यक और महत्वपूर्ण संक्षिप्त सूचनाएं ही आवश्यकतानुत्तार असाधारण राजपत्र में प्रकाशित की जाए.

ii. असाधारण राजपत्र में प्रकाशन के लिए प्रस्ताव पूर्ण औचित्य के साथ व असाधारण राजपत्र में प्रकाशन के कारण सहित प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त करने के उपरांत विभागीय सचिव/सक्षम अधिकारी (उप सचिव) के हस्ताक्षर से ही भेजे जायें.

iii. सीमाबद्ध प्रकरणों में निर्णय लेने में शीघ्रता की जाए, ताकि साधारण राजपत्र में समयबद्ध रीति से प्रकाशन हो सके व असाधारण राजपत्र में प्रकाशन की आवश्यकता नहीं रहे.

iv. प्रकाशित अधिसूचना की हिन्दी एवं अंग्रेजी की एक-एक प्रति विभागीय सचिव या उनके अनुपस्थित रहने पर सक्षम अधिकारी (उप सचिव) (प्रारूप के अनुमोदन व प्रकाशन हेतु अधिकारी समकक्ष होना चाहिए) के हस्ताक्षर से मुद्रणालय भेजा जाना अनिवार्य है.

v. प्रशासकीय विभागों, असाधारण राजपत्र में आदेश/अधिसूचना/अध्यादेश/ इत्यादि के प्रकाशन पूर्व आवश्यकतानुसार वित्त विभाग से लिए गए परामर्श, विधि विभाग से परिमार्जन, असाधारण राजपत्र में प्रकाशित कराया जाना आवश्यक क्यों हैं?, इसका निर्धारण कर सदाम स्तर से अनुमोदन प्राप्त करने की कार्यवाही संपादित करना सुनिश्चित करें.

vi. प्रशासकीय विभाग (संबंधित) असाधारण राजपत्र की प्रकाशन/मुद्रण की सूचना,मुद्रण/प्रकाशन की तिथि के कम से कम 24 घंटे पूर्व शासकीय मुद्रणालय को प्रदाय करेगा.

vii.असाधारण राजपत्र में प्रकाशित होने वाले अधिसूचना/आदेश/अध्यादेश / इत्यादि के लिये संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासकीय विभाग की होगी.

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