रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने विकास कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार पर सख्त कदम उठाते हुए जीरो टॉलरेंस का परिचय दिया है। राज्य के लोक निर्माण विभाग ने सड़क और ओवरब्रिज निर्माण में लापरवाही और गुणवत्ताहीन कार्य के लिए कई अधिकारियों पर कार्रवाई की है। बीजापुर से रायपुर तक मामलों में एफआईआर, निलंबन, और कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
बीजापुर: सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई
बीजापुर में 54.40 किमी लंबे नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर मार्ग के निर्माण में अनियमितताओं के आरोप में तत्कालीन कार्यपालन अभियंता बी.एल. ध्रुव, अनुविभागीय अधिकारी आर.के. सिन्हा और उप अभियंता जी.एस. कोड़ोपी समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जांच में सड़क निर्माण में शासकीय राशि के अपव्यय, भ्रष्टाचार, और गुणवत्ताहीन कार्य के प्रथम दृष्टया साक्ष्य मिले हैं।
इन अधिकारियों पर अधिकारों के दुरुपयोग और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही का आरोप है। संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर उनका मुख्यालय नवा रायपुर स्थानांतरित किया गया है।
रायपुर: मोवा ओवरब्रिज में गड़बड़ी पर पांच अधिकारी निलंबित
मोवा ओवरब्रिज की मरम्मत में अमानक और गुणवत्ताहीन कार्य पाए जाने पर लोक निर्माण विभाग ने कार्यपालन अभियंता विवेक शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी रोशन कुमार साहू, और उप अभियंता राजीव मिश्रा, देवव्रत यमराज, तन्मय गुप्ता को निलंबित कर दिया है।
जांच में पाया गया कि डामरीकरण कार्य में औसत बिटुमिन कंटेंट और मटेरियल ग्रेडेशन मानक स्तर से कम था। इन अधिकारियों को भी नवा रायपुर स्थित प्रमुख अभियंता कार्यालय में स्थानांतरित किया गया है।
ठेकेदार को नोटिस
ओवरब्रिज के निर्माण में गड़बड़ी के लिए ठेकेदार केशवदास आर. जादवानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ठेकेदार पर पंजीयन निलंबित या निरस्त करने की अनुशंसा की गई है।