रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2013 में संशोधन करते हुए सभी प्रकार के चिकित्सा संस्थानों को राहत प्रदान की है। नई अधिसूचना के तहत 30 बिस्तरों तक के अस्पतालों और क्लीनिकों के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल और लचीला बना दिया गया है।
शपथ पत्र पर मिलेगा लाइसेंस
जारी अधिसूचना के अनुसार, सभी क्लीनिकों को अब आवेदन के साथ निर्धारित मापदंडों का पालन करने का शपथ पत्र देना होगा। इसके बाद उन्हें ऑनलाइन लाइसेंस स्वतः जारी कर दिया जाएगा, जिसे वे डाउनलोड कर सकेंगे। निरीक्षण की प्रक्रिया में केवल 10 प्रतिशत संस्थाओं का मुख्य चिकित्सा अधिकारी की टीम द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। यदि किसी संस्था में कमी पाई जाती है, तो उसे एक माह के भीतर कमियों को दूर करना होगा।
छोटे अस्पतालों के लिए नियम सरल
- 1 से 10 बिस्तर तक के अस्पतालों को शपथ पत्र के आधार पर लाइसेंस मिलेगा।
- उन्हें 3 महीने के अंदर निर्धारित मापदंडों को पूरा करना होगा।
- 11 से 30 बिस्तर तक के अस्पतालों का निरीक्षण चिकित्सा अधिकारी द्वारा 3 महीने के भीतर किया जाएगा।
- यदि 3 महीने में निरीक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तो ऐसी संस्थाएं स्वतः पंजीकृत मानी जाएंगी और ऑनलाइन लाइसेंस डाउनलोड कर सकेंगी।
हर 5 साल में होगा पुनः रजिस्ट्रेशन
सभी चिकित्सा संस्थानों का रजिस्ट्रेशन हर 5 साल बाद दोबारा किया जाएगा।