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नक्सल नीति पर छत्तीसगढ़ में तीखी बयानबाजी: भूपेश ने पूछा- ‘नक्सली सरेंडर क्यों नहीं कर रहे?’, CM साय का पलटवार

पूर्व सीएम बघेल ने कहा- नक्सली भयमुक्त क्यों नहीं; सीएम साय बोले- कांग्रेस की सरकार ने ईमानदारी से नहीं किया काम

रायपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद (Naxalism) की समाप्ति को लेकर राजनीति गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने वर्तमान विष्णुदेव साय सरकार की नक्सल नीति पर सवाल उठाते हुए तीखे हमले किए हैं, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री साय ने पिछली कांग्रेस सरकार पर ईमानदारी से काम न करने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया है।

पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बात करते हुए राज्य में नक्सली गतिविधियों और आत्मसमर्पण (Surrender) की धीमी गति पर चिंता जताई। उन्होंने मौजूदा सरकार से पूछा:

सरेंडर क्यों नहीं? “जब हमारी सरकार थी, तो बड़ी संख्या में नक्सली समर्पण कर रहे थे। अब वे सरेंडर क्यों नहीं कर रहे हैं? क्या हमारी रणनीति सही नहीं है?”

भयमुक्त क्यों नहीं? “राज्य में नक्सली भय का माहौल क्यों कम नहीं हो रहा है? सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी नक्सल नीति क्या है?

बघेल ने अप्रत्यक्ष रूप से इशारा किया कि नई सरकार की नीतियों में कहीं न कहीं कमी है, जिसके कारण नक्सली समर्पण करने से हिचक रहे हैं।

सीएम विष्णुदेव साय का करारा जवाब

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भूपेश बघेल के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कांग्रेस शासनकाल पर ही निशाना साधा। उन्होंने स्पष्ट कहा:

ईमानदारी की कमी: “नक्सलवाद को लेकर कांग्रेस की सरकार ने कभी ईमानदारी से काम ही नहीं किया। उनकी नीयत में खोट थी, इसलिए नक्सली पूरी तरह खत्म नहीं हो पाए।”

हमारी नीति प्रभावी: “हमारी सरकार ने आते ही स्पष्ट और कठोर नक्सल नीति पर काम शुरू कर दिया है। हमारी रणनीति के कारण ही नक्सली दबाव में हैं।”

विकास और विश्वास: सीएम साय ने दोहराया कि उनकी सरकार ‘विश्वास, विकास और सुरक्षा’ की रणनीति पर काम कर रही है, जिसके जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

नक्सलवाद पर दोनों प्रमुख नेताओं के बीच चल रही यह जुबानी जंग प्रदेश की राजनीति को गरमा रही है, जबकि जनता चाहती है कि सरकारें इस मुद्दे पर ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ें।

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