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छत्तीसगढ़ में तहसीलदारों का बगावती रुख, 17 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन का ऐलान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के तहसीलदार और नायब तहसीलदार एक बार फिर सरकार के खिलाफ मुखर होते नजर आ रहे हैं। अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले ये अधिकारी 28 जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं। “संसाधन नहीं तो काम नहीं” का नारा देते हुए उन्होंने जिला से लेकर प्रांत स्तर तक विरोध का बिगुल फूंक दिया है। यह आंदोलन 30 जुलाई को प्रांत स्तरीय विशाल प्रदर्शन के साथ समाप्त होगा।

लंबे समय से अनदेखी हो रही मांगें

संघ का कहना है कि शासन द्वारा लगातार उनकी कार्यक्षमता, संसाधनों की कमी और पदोन्नति से जुड़ी समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। यही वजह है कि अब उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है। 28 जुलाई को जिला स्तर पर प्रदर्शन की शुरुआत होगी, 29 जुलाई को संभाग स्तर और अंत में 30 जुलाई को राजधानी रायपुर में प्रांत स्तरीय विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

क्या हैं मुख्य मांगें?

संघ की 17 सूत्रीय मांगों में प्रमुख तौर पर डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति का अनुपात पूर्व की भांति 50:50 करने की मांग की गई है। इसके अलावा नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित करने की पुरानी घोषणा को लागू करने की भी मांग की जा रही है। अन्य अहम मांगों में शामिल हैं:

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