CG-PSC भर्ती घोटाले में हाईकोर्ट सख्त: जमानत याचिका खारिज, कोर्ट की टिप्पणी

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित CG-PSC 2020 भर्ती घोटाले को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बीडी गुरु ने मामले के तीन मुख्य आरोपियों — पीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, उनके भतीजों नितेश सोनवानी और साहिल सोनवानी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा कि “जो प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करता है, वह लाखों युवाओं के भविष्य से खेलता है। यह कृत्य हत्या से भी अधिक गंभीर है।”

न्यायालय ने कहा कि ऐसे कृत्यों से न केवल प्रतिभावान अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय होता है, बल्कि संवैधानिक संस्थाएं भी शर्मसार होती हैं। कोर्ट ने आरोपियों की तुलना “बाड़ द्वारा फसल खाने” से करते हुए उनकी भूमिका पर तीखी टिप्पणी की।

क्या है CG-PSC भर्ती घोटाला?

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG-PSC) की 2020 की भर्ती प्रक्रिया में व्यापक स्तर पर अनियमितता सामने आई थी। आरोप है कि इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर पेपर लीक कर चयन को प्रभावित किया गया। इस मामले में पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने जनहित याचिका दायर कर परीक्षा में धांधली और सत्ता से जुड़े लोगों के रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था।

हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि “एक साथ इतने रिश्तेदारों का चयन संयोग नहीं हो सकता।” इसके बाद मामले की जांच के आदेश जारी किए गए।

CBI जांच में चौंकाने वाले खुलासे

राज्य में सरकार बदलने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस मामले में दो अलग-अलग FIR दर्ज की थीं। बाद में यह केस CBI को सौंपा गया, जिसकी जांच में बड़े खुलासे हुए।

CBI रिपोर्ट के मुताबिक, CG-PSC के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए प्रश्नपत्र अपने भतीजों नितेश और साहिल सोनवानी को उपलब्ध कराए। इसके बाद परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर के जरिए यह पेपर उद्योगपति श्रवण गोयल को पहुंचाया गया। उन्होंने अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को यह पेपर दिलवाया। सभी ने इसके आधार पर डिप्टी कलेक्टर व डीएसपी जैसे पद हासिल किए।

कोर्ट में क्या हुआ?

आरोपी टामन सिंह, नितेश और साहिल सोनवानी ने गिरफ्तारी के बाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि उन्हें राजनीतिक दबाव में झूठे केस में फंसाया गया है। साथ ही यह भी कहा गया कि PSC के नियमों में भतीजा ‘परिवार’ की परिभाषा में नहीं आता, इसलिए टामन सिंह ने परिवार के किसी सदस्य को चयनित नहीं कराया।

हालांकि, कोर्ट ने इन सभी तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि साक्ष्य प्रथम दृष्टया गंभीर हैं और पेपर लीक जैसी घटना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए यह भी जोड़ा कि “PSC जैसी प्रतिष्ठित संस्था को कलंकित करना बेहद निंदनीय है।”

अब तक कौन-कौन गिरफ्तार?

इस घोटाले में अब तक टामन सिंह सोनवानी, उनके भतीजे नितेश और साहिल सोनवानी, उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर, उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल, उनका बेटा शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को गिरफ्तार किया जा चुका है।

You May Also Like

More From Author