रायपुर, 28 अक्टूबर 2025 – छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को एक और बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष अदालत ने उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद चैतन्य को फिलहाल रायपुर सेंट्रल जेल में ही हिरासत में रहना होगा।
शुक्रवार को चैतन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला शनिवार के लिए सुरक्षित रखा था, जिसे सोमवार को सुनाया गया। यह फैसला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 17 अक्टूबर 2025 के उस आदेश के बाद आया है, जिसमें चैतन्य की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन करने की छूट दी गई थी।
मामले का बैकग्राउंड
चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को ईडी ने भिलाई स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी 2019 से 2023 के बीच चले कथित ₹2,161 करोड़ से ₹3,200 करोड़ के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस से संबंधित है। यह घोटाला भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था। ईडी ने चैतन्य को “शराब सिंडिकेट” का “अंतिम प्राधिकारी और नियंत्रक” बताया है।
ईडी की जांच में पाया गया कि चैतन्य ने घोटाले से प्राप्त ₹16.70 करोड़ की अवैध कमाई को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट “बघेल डेवलपर्स” में निवेश किया। इसमें ठेकेदारों को नकद भुगतान, फर्जी बैंक एंट्री और फ्लैट खरीद के बहाने धन का उपयोग किया गया। विशेष रूप से, त्रिलोक सिंह ढिल्लो के साथ मिलकर “विट्ठलपुरम” प्रोजेक्ट में फर्जी फ्लैट खरीद योजना बनाई गई, जिससे लगभग ₹5 करोड़ हासिल किए गए। ये फ्लैट ढिल्लो के कर्मचारियों के नाम पर खरीदे गए, लेकिन वास्तविक लाभार्थी चैतन्य ही थे।
इसके अलावा, जांच एजेंसी का दावा है कि चैतन्य ने घोटाले से जुड़ी ₹1,000 करोड़ से अधिक की अवैध राशि को हैंडल किया। यह रकम अनवर ढेबर और अन्य के माध्यम से तत्कालीन कांग्रेस कोषाध्यक्ष तक पहुंचाई गई। आरोपी लक्ष्मी नारायण बंसल के बयान के आधार पर ईडी ने यह खुलासा किया है।
ईओडब्ल्यू और ईडी की कार्रवाई
पहले सितंबर 2025 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चैतन्य की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू)/एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार किया। 15 सितंबर को ईडी ने 7,000 पेज की पांचवीं पूरक चार्जशीट दाखिल की। उनकी न्यायिक हिरासत 29 अक्टूबर तक बढ़ाई गई थी।
ईओडब्ल्यू ने हाल ही में रियल एस्टेट निवेश और अन्य खुलासे किए हैं, जो चैतन्य की भूमिका को और गहराते हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने इसे “राजनीतिक साजिश” बताया है, जबकि भाजपा ने भूपेश बघेल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। चैतन्य के वकील फैजल रिजवी ने गिरफ्तारी को “बिना सबूत के दबाव बनाने” का प्रयास कहा है।
ईडी ने संकेत दिया है कि जांच में और बड़े खुलासे हो सकते हैं। मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सकता है।

