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Chaitra Navratri 2024: पहला दिन मां शैलपुत्री को है समर्पित, जानें कैसा है इनका स्वरूप

Navratri 1st Day Maa ShailPutri : चैत्र नवरात्रि, हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो 9 अप्रैल 2024 से शुरू होगा और 17 अप्रैल 2024 तक चलेगा। यह त्यौहार हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का समय है। नवरात्रि के नौ दिवसीय पर्व पर प्रथम दिन की अधिष्ठात्री देवी हैं मां शैलपुत्री 

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल को 11:58 AM से 12:47 PM तक रहेगा। यह अभिजीत मुहूर्त है, जो पूजा-पाठ के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।

मां शैलपुत्री की कहानी

एक बार जब प्रजापति ने यज्ञ किया तो इसमें सारे देवताओं को निमंत्रित किया, भगवान शंकर को नहीं। सती यज्ञ में जाने के लिए विकल हो उठीं। शंकरजी ने कहा कि सारे देवताओं को निमंत्रित किया गया है, उन्हें नहीं। ऐसे में वहां जाना उचित नहीं है।

सती का प्रबल आग्रह देखकर शंकरजी ने उन्हें यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी। सती जब घर पहुंचीं तो सिर्फ मां ने ही उन्हें स्नेह दिया। बहनों की बातों में व्यंग्य और उपहास के भाव थे। भगवान शंकर के प्रति भी तिरस्कार का भाव है। दक्ष ने भी उनके प्रति अपमानजनक वचन कहे। इससे सती को क्लेश पहुंचा।

वे अपने पति का यह अपमान न सह सकीं और योगाग्नि द्वारा अपने को जलाकर भस्म कर लिया। इस दारुण दुःख से व्यथित होकर शंकर भगवान ने उस यज्ञ का विध्वंस करा दिया। यही सती अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मीं और शैलपुत्री कहलाईं। पार्वती और हेमवती भी इसी देवी के अन्य नाम हैं। शैलपुत्री का विवाह भी भगवान शंकर से हुआ। शैलपुत्री शिवजी की अर्द्धांगिनी बनीं।

पूजन सामग्री और भोग:

घटस्थापना के बाद इनका स्मरण करें और इनके पूजन का संकल्प लें। माता शैलपुत्री को श्वेत वस्त्र अतिप्रिय हैं। मां को लाल, श्वेत सहित ऋतु पुष्प जैसे कनेर का फूल अतिप्रिय हैं। मां के पूजन में बेलपत्र का विशेष महत्व है। इनके अलावा धूप, दीप, अक्षत, फल आदि से माता को प्रसन्न किया जा सकता है।

मां शैलपुत्री हिमालयराज की पुत्री हैं। वह वृषभ पर सवार होती हैं। वह दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प धारण करती हैं। मान्यता है कि इनके पूजन से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इनकी उपासना चंद्रमा के बुरे प्रभाव को दूर करती है।

ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा:

मां शैलपुत्री की पूजा का महत्व:

यह भी ध्यान रखें:

मां शैलपुत्री की स्तुति:

या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

*मां शैलपुत्री की कृपा से आपके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास हो।*

मां शैलपुत्री की कृपा आप पर सदैव बनी रहे।

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