छत्तीसगढ़ में सरकार वापसी करते ही भाजपा ने प्रदेश में कई सांस्कृतिक बदलावों के संकेत दिए थे। इनमें सबसे ऊपर था राजिम का नाम। भाजपा ने फैसला किया था कि राजिम पुन्नी मेला का नाम फिर से बार राजिम कुम्भ रखा जाएगा। इसके पीछे दलील थी कि भाजपा एक बार फिर से कुम्भ के नाम पर राजिम के राष्ट्रीय पहचान को स्थापित करना चाहती हैं।
इसी तरह का एक और नया फैसला कौशल्या माता के चंदखुरी धाम को लेकर किया गया है। यहां भी प्रतिमा को बदलने की बात प्रदेश धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कही है। सरकार के इसी फैसले के बाद एक बार फिर से पक्ष-विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं। इन फैसलों पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार का काम सिर्फ नाम बदलना और मूर्ति बदलना है। उनके पास जनता के लिए कोई काम नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा को कांग्रेस को कोसने के बजाय अपना काम करना चाहिए।
बातें दें कि, राजिम कुम्भ एक ऐतिहासिक आयोजन है जो हर तीन साल में आयोजित होता है। यह आयोजन छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है।
वहीं, कौशल्या माता भगवान राम की माता थीं। उनका चंदखुरी धाम छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में स्थित है। इस धाम में कौशल्या माता की प्रतिमा स्थापित है।
भाजपा के इन फैसलों के बाद एक बार फिर से छत्तीसगढ़ में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं।