रायपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य के एक समय आतंक का गढ़ रहे अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर अब पूरी तरह से नक्सली हिंसा से मुक्त हो गए हैं। यह घोषणा तब की गई जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सामने 170 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण कर दिया।
गृह मंत्री शाह ने आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों के निर्णय की सराहना की और कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के अथक प्रयासों का प्रमाण है कि नक्सलवाद अब अपनी “अंतिम साँसें” ले रहा है।
मुख्य बिंदु:
- ऐतिहासिक आत्मसमर्पण: एक ही दिन में 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
- नक्सल मुक्त क्षेत्र: अमित शाह ने अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर को नक्सल आतंक से मुक्त घोषित किया।
- विकास पर जोर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस घटना को बस्तर में “विश्वास और विकास की नई पहचान” की जीत बताया। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान अब तक 2100 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
- देश से नक्सलवाद का उन्मूलन: गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बीते दो दिनों में, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को मिलाकर कुल 258 वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा छोड़कर संविधान में आस्था व्यक्त की है। यह घटना दर्शाती है कि सुरक्षाबलों की प्रभावी कार्रवाई और सरकार की आत्मसमर्पण नीति के कारण बस्तर में शांति और विकास का नया युग शुरू हो रहा है।