रायपुर। छत्तीसगढ़ में कृषि शिक्षा को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV) ने सैंडविच प्रोग्राम शुरू किया है। पहली बार, विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, शोधार्थी और मेंटोर अध्यापक विदेशों में पढ़ाई और रिसर्च के लिए जाएंगे। इस कार्यक्रम के तहत, छात्र उन्नत कृषि तकनीकों, बागवानी और आधुनिक टेक्नोलॉजी की बारीकियां सीखेंगे, जिससे राज्य की कृषि को नई दिशा मिलेगी।
राज्य सरकार की स्वीकृति, चयन प्रक्रिया शुरू
कुलपति गिरीश चंदेल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इस कार्यक्रम को लागू किया गया है। राज्य सरकार ने इसे स्वीकृति दे दी है और फंड की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक वर्ष चयनित छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों को विदेशों में उच्च शिक्षा और शोध के अवसर मिलेंगे।
विद्यार्थियों के लिए विदेशों में अध्ययन के अवसर
IGKV के छात्र अमेरिका, इंग्लैंड, जापान, चीन और रूस जैसे देशों में जाकर आधुनिक कृषि तकनीकों और शोध में हिस्सा ले सकेंगे।
किन विभागों के विद्यार्थी होंगे योग्य?
इस कार्यक्रम में PG और PhD शोधार्थी को मौका मिलेगा। IGKV के 18 विभागों के छात्र इसमें शामिल हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
✔ Agronomy
✔ Genetics and Plant Breeding
✔ Agricultural Economics
✔ Plant Pathology
✔ Soil Science & Agricultural Chemistry
✔ Agricultural Microbiology
✔ Floriculture and Landscape Architecture
✔ Agricultural Engineering संकाय
क्या है सैंडविच प्रोग्राम?
सैंडविच डिग्री एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें छात्र अपने देश में कुछ वर्षों तक पढ़ाई करने के बाद, कुछ समय विदेश में इंटर्नशिप और रिसर्च करते हैं। यह प्रोग्राम 1 महीने से लेकर 2-3 साल तक का हो सकता है और छात्रों को वैश्विक स्तर पर व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है।
छत्तीसगढ़ के कृषि विद्यार्थियों को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच
IGKV की इस पहल से छत्तीसगढ़ के छात्र आधुनिक कृषि तकनीकों से रूबरू होंगे, जिससे राज्य में खेती के उन्नत और वैज्ञानिक तरीकों को बढ़ावा मिलेगा।