छत्तीसगढ़ में बीएड-डीएलएड को लगा ब्रेक, बंद करने का फैसला

रायपुर। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से छत्तीसगढ़ में दो वर्षीय बीएड और डीएलएड पाठ्यक्रमों के लिए नए महाविद्यालय नहीं खुलेंगे। इसके अलावा, किसी भी महाविद्यालय को इन पाठ्यक्रमों के लिए नई मान्यता भी नहीं मिलेगी। यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत लिया गया है, जिसके अनुसार अब चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए-बीएड और बीएससी-बीएड पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे।

2030 तक बंद होंगे द्विवर्षीय पाठ्यक्रम

जो महाविद्यालय वर्तमान में दो वर्षीय बीएड और डीएलएड पाठ्यक्रम संचालित कर रहे हैं, उन्हें 2030 तक इन पाठ्यक्रमों को बंद करना होगा। इस अवधि में उन्हें अपने संस्थान को या तो बंद करना होगा या नए इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों में परिवर्तित करना होगा। राज्य में लगभग 140 महाविद्यालय इस बदलाव से प्रभावित होंगे।

एनसीटीई की मंजूरी अनिवार्य

बीएड और डीएलएड पाठ्यक्रमों की मान्यता के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (NCTE) की मंजूरी अनिवार्य होती है। चूंकि अब दो वर्षीय पाठ्यक्रमों को बंद किया जा रहा है, इस कारण नए महाविद्यालयों के प्रस्ताव नहीं भेजे जा रहे हैं।

कठिन प्रक्रिया से गुजरेंगे पुराने महाविद्यालय

पुराने महाविद्यालय, जो इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम शुरू करना चाहते हैं, उन्हें एनसीटीई के कड़े नियमों का पालन करना होगा। इनमें से कुछ संस्थान पहले ही बीए-बीएड और बीएससी-बीएड पाठ्यक्रम शुरू कर चुके हैं, जबकि अन्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं।

प्रस्तावों पर रोक

प्रोफेशनल कॉलेज के संयोजक राजीव गुप्ता ने बताया कि नए बीएड महाविद्यालयों के लिए प्रस्ताव अब स्वीकृत नहीं होंगे। यह निर्णय राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को लागू करने के लिए लिया गया है।

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