रायपुर। छत्तीसगढ़ की सियासत में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर घमासान तेज हो गया है। बुधवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट में तीन नए मंत्रियों को शामिल किया गया, जिसके बाद कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ दीपक बैज ने विस्तार को अवैधानिक और सियासी सौदेबाजी का नतीजा बताया है।
भूपेश बघेल का आरोप – अवैधानिक है 14 मंत्रियों की नियुक्ति
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में 14 मंत्रियों की नियुक्ति नियमों के खिलाफ है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार से अनुमति ली गई है तो यह सार्वजनिक होना चाहिए। बघेल ने दावा किया कि उनकी सरकार ने भी 14 मंत्रियों की नियुक्ति के लिए विधानसभा से शासकीय संकल्प पारित कर केंद्र से अनुमति मांगी थी, लेकिन उस समय अनुमति नहीं दी गई थी।
उन्होंने भाजपा पर वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में कई वरिष्ठ विधायकों को अवसर नहीं मिला। बघेल ने कहा – “आत्मसम्मान से बड़ी कोई चीज नहीं होती, अगर थोड़ा भी आत्मसम्मान है तो नेताओं को पार्टी के भीतर और बाहर दोनों जगह लड़ाई लड़नी चाहिए।”
दीपक बैज का बड़ा हमला – सियासी सौदेबाजी का नतीजा है विस्तार
मंत्रिमंडल विस्तार पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि तीनों नए मंत्री मुख्यमंत्री की पसंद के नहीं हैं, बल्कि अडाणी, संघ और सियासी सौदेबाजी की वजह से ये मंत्री बनाए गए हैं। बैज ने आरोप लगाया कि वरिष्ठता और अनुभव को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा – “बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर दिया गया है। 5-6 बार चुनाव जीत चुके नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया। भाजपा के पास उपयुक्त नेता नहीं हैं, इसलिए कांग्रेस से गए नेताओं को मंत्री बनाया गया। अच्छा है, भागते भूत की लंगोटी सही।”