रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में तेजी आई है। ईडी ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की है, जिसके बाद विशेष अदालत ने आठ आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करते हुए तर्क प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इन आरोपियों में पूर्व विधायक चंद्र देव राय, विनोद तिवारी, रामप्रताप सिंह, मनीष उपाध्याय, पीयूष साहू, नारायण साहू, नवनीत साहू और रजनीकांत तिवारी शामिल हैं।
विशेष अदालत ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए हैं और सुनवाई के लिए 26 अक्टूबर की तारीख तय की है। कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव आज कोर्ट में पेश नहीं हो सके, क्योंकि वे वर्तमान में जेल में बंद हैं। उनके वकील ने अदालत को यह जानकारी दी। अन्य सभी आरोपी, जो जेल में बंद हैं, उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया।
महादेव सट्टा एप मामले में भी बड़ी कार्रवाई
राज्य के बहुचर्चित महादेव ऑनलाइन बैटिंग एप के मामले में पूर्व निलंबित आरक्षक आरोपी भीम सिंह यादव की जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई। इस मामले में विशेष कोर्ट में लगभग 3 घंटे की बहस के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था। इस मामले में अगली सुनवाई दो दिन बाद होगी।
सौम्या चौरसिया और देवेंद्र यादव की याचिकाएं खारिज
इससे पहले, सोमवार को कोयला घोटाले की आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। सौम्या चौरसिया ने एसीबी/ईओडब्ल्यू में आय से अधिक संपत्ति के मामले में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। इसके अलावा, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के दस साल पुराने एक प्रकरण पर भी सुनवाई हुई और उनकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई।
कोयला घोटाले में क्या है मामला?
छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले का मामला पिछले कुछ समय से सुर्खियों में है। आरोप है कि राज्य में अवैध खनन कराया गया और इसमें कई बड़े नेता और अधिकारी शामिल थे। ईडी इस मामले की जांच कर रही है और कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में विशेष अदालत का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण है। इससे यह संकेत मिलता है कि जांच एजेंसियां इस मामले में गंभीर हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में आने वाले दिनों में और भी कई खुलासे हो सकते हैं।