छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले में फंसी पूर्व IAS रानू साहू की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने उनकी दोनों अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने अपराध की गंभीरता का हवाला देते हुए राहत देने से इनकार कर दिया।
क्या हैं आरोप?
रानू साहू इस समय रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और आईपीसी की धारा 120बी और 420 समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज है। आरोप है कि उन्होंने कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी के सिंडिकेट को संरक्षण दिया, जो प्रति टन ₹25 की अवैध वसूली करता था।
आय से अधिक संपत्ति का भी मामला
शिकायत के मुताबिक, रानू साहू और उनके परिवार ने 2015 से 2022 तक 24 अचल संपत्तियां खरीदीं। वेतन के तौर पर ₹92 लाख की आय के मुकाबले ₹3.93 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ, जो आय से कहीं ज्यादा है।
ED का दावा: 570 करोड़ का घोटाला
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया कि 570 करोड़ रुपये की अवैध कोल लेवी वसूली हुई। ED का आरोप है कि खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्नोई ने ऑनलाइन परमिट प्रक्रिया को ऑफलाइन कराकर व्यापारियों से उगाही का रास्ता खोला।