रायपुर। “किसी की औकात देखनी हो तो उसे ताकत दे दो” — ये पुरानी कहावत इन दिनों छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक गलियारों में चरितार्थ होती नजर आ रही है। ताजा मामला है बजरमुंडा मुआवजा घोटाले का, जिसमें भारी वित्तीय अनियमितताओं के चलते तत्कालीन घरघोड़ा एसडीएम अशोक कुमार मार्बल को निलंबित कर दिया गया है।
घोटाले में 100 करोड़ के बजाय 415 करोड़ रुपए मुआवजा बांटने की बात सामने आई है। राज्य सरकार ने इस गंभीर मामले की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को सौंपने की मंजूरी दे दी है। निलंबन आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि अशोक कुमार मार्बल ने अपने कार्यकाल के दौरान गंभीर लापरवाही बरती है। इसके चलते उन्हें सारंगढ़-बिलाईगढ़ के डिप्टी कलेक्टर पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर रायपुर आयुक्त कार्यालय से अटैच किया गया है।
इससे पहले तत्कालीन रायगढ़ कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने जांच में 7 लोगों को आरोपी पाया था और एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। फिलहाल घरघोड़ा थाने में FIR की प्रक्रिया जारी है।