रायपुर। लगातार चुनावी पराजयों से जूझ रही छत्तीसगढ़ कांग्रेस अब सोशल मीडिया के जरिये भाजपा पर तीखे हमले कर रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस के हालिया पोस्ट ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। बस्तर के लौह अयस्क खदानों में निजी कंपनियों की रुचि को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा, लेकिन इस दौरान ‘छत्तीसगढ़ महतारी’ के संदर्भ में ‘बाप’ शब्द के इस्तेमाल ने राजनीतिक माहौल गर्मा दिया है।
कांग्रेस ने अपने पोस्ट में गौतम अडानी की दूरबीन लिए हुए तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “छत्तीसगढ़ महतारी की आड़ में बाप का कर्ज उतारने लगे। आखिर भाजपा का मकसद क्या है? नक्सल की आड़ में बस्तर साफ, आदिवासियों का अबूझमाड़ साफ, अडानी-आर्सेलर का कर्जा माफ, जल, जंगल, जमीन का रास्ता साफ।”
इस पोस्ट में अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाया गया कि बस्तर में नक्सल सफाई की आड़ में खनिज संसाधनों का दोहन किया जा रहा है और इसका फायदा पूंजीपतियों को पहुंचाया जा रहा है। लेकिन ‘बाप’ शब्द के प्रयोग को लेकर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा ने कहा, “छत्तीसगढ़ महतारी के आगे ‘बाप’ की उपमा देना घोर आपत्तिजनक है। स्वयं भगवान राम छत्तीसगढ़ महतारी के संतान हैं और कांग्रेस जैसी सोच रखने वाले लोग महतारी के लिए ऐसी ओछी बातें कर रहे हैं।”
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नक्सलियों के सफाए से दुखी है, क्योंकि अतीत में कांग्रेस की नक्सलियों के जरिए उगाही करने की भूमिका रही है। भाजपा ने याद दिलाया कि अडानी समूह को सबसे पहले छत्तीसगढ़ में बड़ा प्रोजेक्ट कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही मिला था।
यह मामला एक बार फिर छत्तीसगढ़ की राजनीति में भाषा और प्रतीकों के इस्तेमाल को लेकर बहस का केंद्र बन गया है। जहां कांग्रेस सरकार की खनन नीतियों को सवालों के घेरे में लाना चाहती है, वहीं भाजपा ‘छत्तीसगढ़ महतारी’ के अपमान का मुद्दा बनाकर आक्रामक हो गई है।